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मैनपुरी, भोगांव: व्यस्त एवं भागदौड़ वाली जिन्दगी में खानपान की अनियमितता बढ़ गई है,जिसके चलते खानेपीन मैनपुरी, भोगांव: व्यस्त एवं भागदौड़ वाली जिन्दगी में खानपान की अनियमितता बढ़ गई है,जिसके चलते खानेपीने का कोई समय निश्चित नहीं रह गया है। इसी कारण शरीर में बीमारियां पनपने लगी हैं। निरन्तर कब्ज, अपज व पित्त, कफ की विकृति के कारण होती है। शौच करते समय पीढ़ा, जलन, खुजली व मल के साथ रक्त का गिरना, शौच खुलकर नहीं होना आदि बवासीर के लक्षण हैं।

यह विचार राष्ट्रीय शाकाहार शोध संस्थान नई दिल्ली के विशेषज्ञ डा.मनोज कुमार जैन ने छोटा बाजार में स्थित शाकाहार गोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होंने बवासीर रोग से निदान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शरीर में यह रोग न पनपने। इसके लिए व्यक्ति को सदा शाकाहारी भोजन जिसमें भीगा अनाज, सलाद, हरी रेशेदार सब्जी, फल अमरूद, चीकू, पपीता, जामुन, चुकंदर, पालक, मूली, नीबू, करेला, मैंथी, मूंग की दाल,

गेहूं, जौ आदि खाद्य पदार्थों से बनी वस्तुओं का सेवन करने से मल निष्कासन सरलता से होता है। उन्होंने कहा कि यदि बवासीर में खून गिरता है तो उसमें भी यह लाभप्रद है। फास्ट फूड, नॉनवेज, ¨ड्रक्स, बासी भोजन का परहेज करना चाहिए। डॉ.जैन ने शाकाहार को अमृत बताते हुए कहा शाकाहारी भोजन पौष्टिक व ताकतवर पदार्थों का खजाना है। गोष्ठी में डॉ.योगेश जैन, विकास मिश्रा, रामवीर, अर्पित जैन, डॉ.आभा जैन, विपिन शर्मा ने विचार व्यक्त किए।

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