
मनुष्य को हर हाल में शाकाहार अपनाना चाहिए। जीवन में सात्विक आहार हमारे विचारों को उन्नत करता है। हम स्वभाविक रूप से शांत हाेते हैं। क्राेध और हिंसा से मुक्त होकर हमारा जीवन परमशांति और परमानंद को प्राप्त होता है। जब तक हम जिंदा हैं अपने शुभ आचरण से सात्विक आहार से उसे निर्भय, चिंता मुक्त,निरोग, आंतरिक संतोष और हार्दिक प्रसन्नता से भर सकते हैं। यह बातें बुधवार को पंडरी स्थित गंज मंडी में बाबा जय गुरुदेव धर्म विकास संस्था की ओर से आयोजित सत्संग में संंत उमानंद ने कही। उन्होंने शाकाहार अपनाने पर जोर दिया। इस दौरान स्थानीय वक्ताओं,समाजसेवियों,सामाजिक संगठनों के मुखिया और ब्रह्मकुमारी बहनों ने भी व्याख्यान दिया। इस सत्संग में इस बात पर जोर दिया गया कि मनुष्य को हर हाल में शाकाहार अपनाना चाहिए। व्याख्यान को महावीर गौशाला के संचालक रामजी लाल अग्रवाल, हनुमान महापाठ समिति के शिवनारायण मूंदड़ा, ब्रह्मकुमारी बहनें, आचार्य पं. नर्मदा मिश्र, वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के अजय त्रिपाठी, समाजसेवी डॉ. विद्याकांत द्विवेदी, साईं जलकुमार मसंद ने संबोधित किया। इस दौरान शिवाकांत त्रिपाठी, राघवेन्द्र पाठक अजय किरण अवस्थी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
गाय भारतीय संस्कृति का प्रतीक : संत उमानंद ने सत्संग के दौरान प्रदेशभर से पहुंचे अनुयायियाें को संबोधित करते हुए कहा कि गाय हमारी सनातन और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि गाय में देवी-देवता निवास करते हैं। गाय का दूध, मूत्र, गोबर भी हमें नवजीवन प्रदान करता है। इसके बावजूद जीवित गायों को बेदर्दी से मारा जा रहा है। गौ हत्या राेकने की महज बातें की जाती हैं। अगर सरकार वास्तव में गौ हत्या रोकना चाहती है तो गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए।





